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Saturday 12 August 2017

आरक्षण क्योँ



जो भी लोग आरक्षण के विरोध में बोलते है वो
कुछ सवालो के जवाब दे.

१) आरक्षण क्या है?
२) आरक्षण देने की नौबत क्यों आई?
3) आरक्षण क्यों दिया गया?
4) आरक्षण किसे दिया गया?
5) क्या आरक्षण सिर्फ Sc, ST, और OBC के
लिए ही है?
6) क्या आरक्षण से सच में देश का नुकसान हो
रहा है / या विकास हो रहा है ?
7) आरक्षण के लिए पैसे कहा से आते है?
8) क्या देश में आरक्षण से दुसरो के हक़ पे गदा आ
रही है?
बहुत से लोग इन्ही बातों के लिए आरक्षण का
विरोध करते है. पर कभी खुद की अकल नहीं
चलाते. बस सुनी सुनाई बातों पे विश्वास रख
देते है. जान बुझ के खुद को अँधेरे में रखते है.
चलिए सब से पहले पहले सवाल का जवाब देते है.
१) आरक्षण क्या है?
आरक्षण जो पिछड़े जाती के लोग है उन्हें आधुनिक
लोगों के साथ लाने के लिए किया गया एक
प्रयास है. ताकि देश में सभी को समानता का
हक़ मिले और देश का विकास बनता रहे.
२) आरक्षण देने की नौबत क्यों आई?
इस सवाल का जवाब सब से महत्त्वपूर्ण है. लोग
आरक्षण का विरोध तो करते है लेकिन ये नहीं
सोचते की आखिर आरक्षण की जरुरत ही क्यों
पड़ी???
क्या है किसीके पास जवाब? अरे भाई तुम लोग
सिर्फ किस का खून हुवा बस यही बात देख रहे
हो... पर वो खून क्यों हुवा और किसने किया
इसकी तरफ ध्यान क्यों नहीं देना चाहते???
५००० साल पहले आर्यो ने यहाँ की जनता को
अपना गुलाम बनाया. आर्य (आज के ब्राम्हण)
उन्होंने अपनी सत्ता और लालच के लिए यहाँ की
जनता को बाँट दिया. ताकि लोग उनका
विरोध न कर सके. जिन्होंने विरोध करने की
कोशिश की उन्हें अछूत, शूद्र कहकर समाज से
बहिस्कृत किया. अपनी सत्ता को अबाधित
रखने के लिए इंसानो को इंसान से ही अलग कर
दिया. जात पात बनाके इंसानो को आपस में ही
बाँट दिया. इसका असर भी हुवा, लोग एक दूसरे
को खुद से अलग समझने लगे. कोई बड़ा बन गया
कोई बेवजह गुलाम बन गया. ५००० साल तक
इनपे जो अत्याचार हुवे वो इंसानियत को
शर्मसार कर गए. कमर में झाड़ू, गले में मटका,
जमीं पे थूंक भी नहीं सकते, पैसा कमा नहीं सकते,
गाव का पानी पी नहीं सकते, गाव के बहार
रहो, मरे हुवे, फेंके हुवे जानवरो का मॉस खाओ,
सड़ा गला पानी पीओ जिसे कुत्ते भी न पिए.
उन्हें कभी इंसान ही समझा न गया. उनके सारे
अधिकार छीन लिए गए. वो बाकि जातियों से
इतना पिछड़ गए की उन्हें लगने लगा उनका जन्म
गुलामी के लिए हीहुवा है. बिना पैसे के सेवा
करते रहो बस. तुम्हे सांस तक पूछके लेनी पड़ती
थी. उनका स्वाभिमान ही चक्काचूर कर दिया
गया. वो इंसान तो थे पर इंसान नहीं. फिर
बताइये क्यों न दिया जाये आरक्षण??? क्या
वो इंसान नहीं? जीने का हक़ सिर्फ तुम लोगों
को है? तुम यहाँ महलो में रहो, पार्टीया
मनाओ, खुश रहो. और वो??? सड़क पे सिसटकर
मरते रहे??? अगर आप के साथ ऐसा हो तो????
अरे सीधी सी बात है अगर दो भाइयों में से
किसी एक को सब कुछ मिले और दूसरे को कुछ भी
नहीं तो क्या ये सही है? कभी खुद को भी दूसरे
भाई की जगह रख कर सोचे. क्या तब भी यही
कहेंगे? आप खुद सोचिये अगर आरक्षण की वजह से
उन की गुलामी टूटती है तो क्या ये बुरा है?
क्या वो देश का हिस्सा नहीं? या फिर आप भी
कहोगे ये इंसान नहीं????

3) आरक्षण क्यों दिया गया?>>>
आरक्षण इसी लिए दिया जाता है ताकि देश के
सभी लोग विकास करे. खुद का भी और देश का
भी. अरे सीधी सी बात है अगर दो भाइयों में से
किसी एक को सब कुछ मिले और दूसरे को कुछ भी
नहीं तो क्या ये सही होगा? किसी के साथ
अन्याय न हो, किसीके अधिकार छीने न जाये,
सब को समानता से जीने का अधिकार मिले इस
लिए दिया जाता है आरक्षण.
>
>
4) आरक्षण किसे दिया गया?>>>
इसका जवाब बहुत बड़ा है. शार्टकट में बताना
चाहूंगा. जो भी जातिया जिन्हें अछूत यार फिर शुद्र
कहकर  संबोधित करते थे उन्हें आरक्षण की व्यवस्था
की गई क्योकि इनकी भी स्थिति बहुत ही ख़राब थी
पर खुद को हिन्दू बोलने वाले उच्चवर्णीय लोगो ने इन्हें
कभी भी हिन्दू नहीं समझा |अरे भला हो बाबासाहेब
का जिन्होंने तुम्हे तुम्हारे अधिकार वापस दिलाये.
आज पढ रहे हो ,कमा रहे हो, दूसरे लोगों से कन्धा
से कंधा मिला के चल रहे हो ये बाबासाहेब के
संविधान की वजह से.लेकिन फिर भी इन्ही लोगो
ने बाबासाहेब के प्रति तुम्हारे मन में विष घोल दिया.
तुम्हारे असली रक्षक बाबासाहेब थे जिन्हें तुम लोगो ने
अपना दुश्मन समझा और आज भी वही कर रहे हो
अगर कथित उच्वर्णियों को तुम्हारी चिंता होती तो क्या
हिन्दू होकर भी वो तुम्हारे साथ पक्षपात करते?हिन्दू
कोड बिल का भी विरोध किया गया क्यों????क्योकि
कथित उछवर्णियो को ये मंजूर नहीं था की निचले जाती
के लोग भी प्रगति करें |आप चाहे तो बालगंगाधर के
विचार पढ़ ले  उसने कहा था कुणबी क्या लोकसभा में हल
चलाएंगे ?माली क्या फूल लगाएंगे?? और भी बहुत कुछ कहा था
अरे इसने तो शिवाजी महाराज को भी शुद्र कह के अपमानित
किया था फिर आप लोग ही सोचिये क्या इन्हें सच में मूलनिवासियो
की तो छोडो पर हिन्दुओ की भी कदर है क्या ??

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