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Friday 18 August 2017

हिन्दू धर्म की असलियत


*जो Sc St Obc अपने आपको हिन्दू समझते है वे ध्यान दे ।*

एक मंदिर में बिना नहाए भी जा सकता है दूसरा नहा-धोकर भी मंदिर में नहीं घुस सकता,
तो दोनों कैसे हिन्दू हैं ?
एक का पाँव पूजने का और दूसरे की पीठ पूजने का ग्रंथ आदेश देते हैं,
तो दोनों कैसे हिन्दू हैं ?

कोई आरक्षण वाला है कोई आरक्षण वाला नहीं है,
 तो दोनों कैसे हिन्दू हैं ?

एक आरक्षण से सहमत है दूसरा आरक्षण का विरोधी है,
तो दोनों कैसे हिन्दू हैं ?

एक कायम उच्च है और एक कायम निम्न है,
 तो दोनों कैसे हिन्दू हैं ?

एक लगातार सत्ता में रहता है दूसरा लगातार सत्ता से बाहर है,
 तो दोनों कैसे हिन्दू हैं ?

एक सभी संवैधानिक पदों पर है दूसरा वैधानिक हक से भी वंचित है ,
तो दोनों कैसे हिन्दू हैं ?

*हिन्दू धर्म है या सत्ता पाने का एक राजनीतिक षड्यंत्र है ?*

हिन्दू होकर भी हिन्दू, हिन्दू को अपनी बेटी नहीं देता
है ।
हिन्दू होकर, हिन्दू, हिन्दू को अपनी थाली में रोटी
नहीं देता है ।
हिन्दू होकर भी हिन्दू, हिन्दू को मान नहीं देता,
सम्मान नहीं देता,
हिन्दू होकर, हिन्दू, हिन्दू के ही अधिकार छीन लेता है ।
हिन्दू होकर, हिन्दू, हिन्दू गरीबों का पेट काट लेता है ।
हिन्दू होकर, हिन्दू, हिन्दू के बच्चों से स्कूल-कालेजों में
भेदभाव करता है ।
हिन्दू होकर, हिन्दू, हिन्दू को ही शासन-सत्ता में आगे
बढ़ते नहीं देखना चाहता है ।
हिन्दू होकर, हिन्दू, हिन्दू के ही बाल-बच्चो का गला
काट देता है ।
हिन्दू होकर, हिन्दू, हिन्दू की काबिलियत पर ऊँगली
उठाता है ।
हिन्दू होकर ही हिन्दू, हिन्दू को एक समान अपने जैसा
इंसान होने का दर्जा नहीं देता है अपने को उच दूसरे ओर नीच समझता है ।
ये कैसा हिन्दू है और कैसा इसका हिन्दू धर्म है❓

*ये धर्म नहीं, स्वार्थ का पुलिन्दा है, सिर्फ जातियों का एक झुंड है और बहुजनों को गुलाम बनाए रखने की साजिश है ।*

*हम हिन्दू ना थे , ना है , हम सिर्फ एक षड्यंत्र के शिकार है।*
✒जब तक तुम हिन्दू रहोगे तुम्हारा स्थान सबसे नीचा रहेगा।
✒ तुम हिन्दू कभी नहीं थे, तुम आज भी हिन्दू नहीं हो।
✒ तुम हिन्दू धर्म के गुलाम हो।
✒ तुम्हें धर्म का भी गुलाम बना लिया गया है।
✒ हिन्दू धर्म छोड़ना धर्म परिवर्तन नहीं बल्कि गुलामी की जंजीरे तोड़ना है।
जाति के अधार पर किसी को ऊँचा मानना पाप है और नीचा मानना महापाप।
✒ हिन्दू धर्म की आत्मा वर्ण जाती और ब्रह्मण हितेषी कर्मकांडो मैं है।
✒ वर्ण और जाति के बिना हिन्दू धर्म की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
✒ हिन्दू धर्म वर्णों का है तुम किसी भी वर्ण में नहीं आते हो, जबरदस्ती सबसे नीचे वर्ण में रखा गया है।
✒ हिन्दू धर्म के कर्मकांडों को तुम्हे नहीं करने दिया गया और तुम नहीं कर सकते हो।
✒ हिन्दु धर्म के भगवान उनके अवतार और उनके देवी देवता ना तो तुम्हारे हैं और न तुम उनके हो।
✒ इसलिए वे तुम्हारे साये से भी परहेज करते आये हैं और आज भी कर रहे हैं।
✒ कुत्ते बिल्ली की पेशाब से उन्हें कोई परहेज नहीं है परन्तु तुम्हारे द्वारा दिए गए गंगा जल से अपवित्र
हो जाते हैं।
✒ उनकी पुनः शुद्धि गाय के मल-मूत्र से होती है।
✒याद रखो हिन्दू धर्म के देवी देवता ही तुम्हारे पूर्वजों के हत्यारे हैं।
✒धर्म मनुष्य के लिए है मनुष्य धर्म के लिए नहीं और जो धर्म तुम्हें इन्सान नही समझता वह धर्म नहीं अधर्म का बोझ है।
✒जहाँ ऊँच और नीच की व्यवस्था है, वह धर्म नही, गुलाम बनाये रखने की साजिश है।
✒ हिन्दू धर्म मे कर्म नहीं जाति प्रधान है।

*✍डॉ.भीमराव अम्बेडकर*




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